आईएएमडी ने उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया, जन्मदिन छोड़ पीड़ितों के बीच पहुंचे पुष्कर सिंह धामी…..

जन्मदिन छोड़ पीड़ितों के बीच पहुंचे पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड में हुए हादसे के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी अपना जन्मदिन नहीं मनाए और तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने सुबह ही आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश दिए।

आईएमडी ने उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। देहरादून वासियों के लिए बेहतर संकेत नहीं दिया है। शुक्रवार तक देहरादून में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। बुधवार दोपहर 1:25 बजे तक के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा मसूरी, टिहरी और पौड़ी समेत पहाड़ी जिलों में बारिश के आसार हैं।

तमसा नदी के रौद्र रूप लेने से टपकेश्वर मंदिर में शिवलिंग डूब गया। आईटी पार्क के पास मलबा आने से सॉन्ग नदी का जलस्तर बढ़ गया। मसूरी में भारी बारिश से एक मजदूर की मौत हो गई। पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटक स्‍थल सहस्‍त्रधारा में सोमवार देर रात करीब साढ़े 11 बजे बादल फटने से अफरातफरी मच गई। मुख्‍य बाजार में मलबा आने की वजह से बड़े होटलों और दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा। स्‍थानीय लोगों ने एनडीआरएफ के साथ मिलकर करीब 100 लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। दो लोग लापता बताए जा रहे हैं जिनकी तलाश हो रही है।



उत्तराखंड में ये मार्ग बंद हैं

  • एनएच 707 मसूरी बेंड-कैम्पटी मार्ग जीवन आश्रम के पास मलबा आने के कारण बंद
  • एनएच-34 नागणी के पास चम्बा थाना क्षेत्र अंतर्गत आमसेरा और फकोट से 250 मीटर आगे नरेंद्रनगर थाना क्षेत्रांर्गत भिनू के पास मार्ग बंद
  • एनएच-07 ऋषिकेश-बद्रीनाथ रोड वर्तमान में पूर्ण रूप से खुला है, जबकि राज्य मार्ग-31 खाड़ी-देवप्रयाग मार्ग बंद
  • राज्य मार्ग-76 गूलर सिल्कयानी मटियाली मार्ग बंद
  • राज्य मार्ग-77 गुजराडा रानी पोखरी मार्ग बंद

  • मसूरी में भी कहर बनकर टूटी बारिश

    देहरादून के अलावा भारी बारिश ने मसूरी में भी जबरदस्त तबाही मचाई है। सोमवार की देर रात से हो रही मूसलधार बारिश ने यहां ऐसा तांडव मचाया कि सारा इलाका दहशत में आ गया। चारों ओर पानी, मलबा, टूटी सड़कें, और चीख-पुकार का माहौल है। सबसे ज्यादा नुकसान मसूरी-देहरादून मार्ग को हुआ है, जो अब पूरी तरह से अवरोधित और क्षतिग्रस्त हो चुका है।