पिछले साल देहरादून जिले की 12 हजार से ज्यादा महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। सभी महिलाओं की त्रैमासिक आय पर निगरानी की गई। ई-बुक कीपर्स के माध्यम से इन महिलाओं की आय के डाटा को लोकोस एप पर अपलोड किया गया।
देहरादून जिले की सात हजार से ज्यादा महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भरता की ओर कदम रखेंगी बल्कि इस वर्ष लखपति दीदी भी बनेंगी। भारत सरकार ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सात हजार से ज्यादा महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य तय किया है।
विभाग स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करने और आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण के साथ ही रोजगार दिलाने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। पिछले साल देहरादून जिले की 12 हजार से ज्यादा महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। सभी महिलाओं की त्रैमासिक आय पर निगरानी की गई। ई-बुक कीपर्स के माध्यम से इन महिलाओं की आय के डाटा को लोकोस एप पर अपलोड किया गया। साल के अंत में 12 हजार से ज्यादा ऐसी महिलाएं मिलीं जिनकी आय एक लाख को पार कर कर गई।
सबसे ज्यादा लक्ष्य विकासनगर का
इसी तर्ज पर वित्तीय वर्ष 25-26 में पिछले साल की 12 हजार महिलाओं के अलावा 7680 महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसमें सबसे ज्यादा लक्ष्य विकासनगर का है यहां पर 2270 महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है। इसके बाद सहसपुर ब्लॉक में 2060, डोईवाला में 1355, चकराता में 735, कालसी में 650 और रायपुर में 610 महिलाओं को इस वर्ष लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि पिछले साल जो महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आई थी उनकी आय न घटे।
विभिन्न विभागों को सहयोग के लिए लिखा गया पत्र : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को अधिक से अधिक काम दिए जाने के लिए कृषि विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, मत्स्य विभाग, उद्यान विभाग आदि को निर्देश जारी किए गए हैं कि आत्मनिर्भर बनने में महिलाओं की मदद की जाए। इसके अलावा ग्रामोत्थान रीप परियोजना, मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना सहित अन्य योजना का लाभ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मिले इसका प्रयास किया जा रहा है।
