“पेपर लीक जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग, न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी होंगे अध्यक्ष”

आयोग ने 21 सितंबर को स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई थी, जो पेपर लीक प्रकरण में फंस गई है। ऐसे में अब इसकी जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग का भी गठन किया गया है।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया है। नैनीताल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी आयोग के अध्यक्ष होंगे। आयोग एसआईटी की जांच आख्या का संज्ञान लेकर मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा।



यूकेएसएसएससी की 21 सितंबर को स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र में प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर आने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इस मामले में प्रदेश सरकार ने न्यायिक निगरानी में एसआईटी जांच कराने के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बीएस वर्मा को नियुक्त किया था, लेकिन न्यायमूर्ति वर्मा ने निजी कारणों व समय के अभाव के चलते सरकार की ओर से दी गई जिम्मेदारी लेने में असमर्थता जताई है।

अब सरकार ने भर्ती परीक्षा प्रकरण की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एक एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए।
आयोग को जांच में अन्य अधिकारियों व विशेषज्ञों का सहयोग लेने की स्वतंत्रता होगी। आयोग का कार्यक्षेत्र संपूर्ण राज्य रहेगा। इसके साथ ही विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों, सूचनाओं व तथ्यों का आयोग परीक्षण करेगा। 24 सितंबर को गठित एसआईटी की आख्या का संज्ञान लेकर आयोग आवश्यकतानुसार विधि सम्मत मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा। सरकार ने आयोग से शीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपने की अपेक्षा की है।

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