भारी संख्या में मुख्यमंत्री आवास कूच करने पहुंचा राजकीय शिक्षक संघ….

मुख्यमंत्री आवास कूच करने जा रहे शिक्षकों को पुलिस ने रोक दिया। काफी देर तक आगे नहीं जाने दिए जाने पर शिक्षक यही धरने पर बैठ गए।



पदोन्नति और तबादलों में देरी से शिक्षकों में उबाल है। बुधवार को राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े प्रदेश भर के शिक्षक इसके विरोध में देहरादून की सड़कों पर उतरे। शिक्षकों ने परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला पुलिस चौकी से आगे नहीं जाने दिया। इस पर शिक्षक वहीं, धरने पर बैठ गए। देर शाम मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के बाद शिक्षकों ने धरना समाप्त किया।

प्रदेशभर से परेड ग्राउंड में एकत्र हुए शिक्षक लंबित मांगों के लिए नारेबाजी करते हुए परेड ग्राउंड से कनक चौक होते हुए बहल चौक के पास पहुंचे। इस बीच शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री आवास से वार्ता के लिए बुलाया गया। इस पर शिक्षक बहल चौक के पास एस्लेहॉल वाली सड़क में धरने पर बैठ गए। डेढ़ घंटे तक धरने के बाद शिक्षकों ने राजपुर रोड होते हुए सीएम आवास कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला पुलिस चौकी से आगे नहीं बढ़ने दिया।

शिक्षकों की जगह-जगह पुलिस से नोक झोंक
इस बीच शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को एक बार फिर से सीएम आवास से वार्ता के लिए बुलाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों की मांगों के निपटारे के लिए एक सप्ताह के भीतर सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में बैठक का आश्वासन दिया। इसके बाद शिक्षकों ने धरना समाप्त किया। इससे पहले शिक्षकों की जगह-जगह पुलिस से नोक झोंक हुई।


सीएम आवास कूच करने वालों में राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान, महामंत्री रमेश पैन्युली, उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, मंडल मंत्री हेमंत पैन्युली, कुमाऊं मंडल अध्यक्ष गोकुल मर्तोलिया, मंडल मंत्री डॉ रविशंकर गुसाई, आलोक रौथाण, प्रवीन रावल, प्रणय बहुगुणा, डॉ सोहन माजिला, नागेंद्र पुरोहित, अर्जुन पंवार आदि शामिल रहे।

लंबित मांगों पर अमल न होने तक शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा। आज शिक्षकों की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। राम सिंह चौहान, प्रांतीय अध्यक्ष राजकीय शिक्षक संघ

 

देहरादून नहीं पहुंच पाए कई शिक्षक

देहरादून। सीएम आवास कूच के लिए देहरादून आ रहे विभिन्न जिलों के शिक्षकों को पुलिस ने जिले की सीमा पर रोक लिया। शिक्षक संघ के मुताबिक इस वजह से कई शिक्षक देहरादून नहीं पहुंच पाए।

मुख्यमंत्री के साथ इन मांगों पर हुई वार्ता

-प्रधानाचार्य विभागीय सीधी भर्ती रद्द हो

-शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी की जाए

-छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाए

-शिक्षकों को 13 दिन का मातृ-पितृ अवकाश प्रदान किया जाए

-शिक्षकों के तबादले किए जाएं

-शिक्षकों को बीएलओ डयूटी से मुक्त रखा जाए

-चयन व प्रोन्नत वेतनमान पर एक वेतनवृद्धि दी जाए

-चयन व प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जाए

-पदोन्नत शिक्षकों की पूर्व की सेवा जोड़कर चयन व प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए

न्यायालय के निर्णय को आदर से करेंगे स्वीकार

संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि न्यायालय के निर्णय को आदर के साथ स्वीकार किया जाएगा और फिलहाल सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वर्तमान में राज्य का मौसम अनुकूल नहीं है। न्यायालय ने शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक संज्ञान लिया है।

कहा कि जब तक राजकीय शिक्षक संघ की न्यायोचित मांगों का निस्तारण नहीं किया जाता है तब तक संगठन छात्रों के हित को सर्वोपरि मानते हुए शिक्षण कार्य करेंगे, लेकिन अन्य कार्यों का बहिष्कार करेंगे। प्रांतीय, मंडल एवं जनपद कार्यकारिणी ने निर्णय लिया कि दो, तीन एवं चार सितंबर का धरना प्रदर्शन स्थगित रखा जाएगा। संघ जल्दी ही आगे की रणनीति तय करेगा। ‎

उधर, प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा समर्थक शिक्षकों का आरोप है कि राजकीय शिक्षक संघ ने एक ओर निदेशालय में धरना दिया। शिक्षक धरने पर बैठे। दूसरी ओर, न्यायालय में शपथ पत्र दिया गया कि शिक्षकों ने हड़ताल समाप्त कर दी है।