आखिर कौन हो सकता है नरेंद्र मोदी के बाद अगला प्रधानमंत्री का चेहरा. आइये जानते हैं सर्वे में कौन-कौन नेता मोदी के बाद प्रधानमंत्री पद की रेस में चल रहे हैं.
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के साथ-साथ अब पीएम मोदी के उत्तराधिकारी की भी चर्चा होने लगी है. आखिर कौन हो सकता है नरेंद्र मोदी के बाद अगले पीएम पद का चेहरा? इसको लेकर इंडिया टुडे ने एक सर्वे कराया है. आइये जानते हैं इस सर्वे में कौन-कौन नेता मोदी के बाद प्रधानमंत्री पद की रेस में चल रहे हैं.
India Today जनवरी 2021 से लगातार मोदी के बाद पीएम कौन चेहरे की रेस को ट्रैक कर रहा है. इसके अनुसार अगस्त 2023 में जो आंकड़े आए हैं, उसमें वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह पीएम मोदी के बाद सबसे उपयुक्त चेहरा माने जा रहे हैं. इंडिया टुडे के सर्वे में अमित शाह को 29 परसेंट लोग मोदी के बाद देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. हालांकि जनवरी 2021 तुलना में अमित शाह की लोकप्रियता में एक फीसद की गिरावट आई है.
जनवरी 21 में अमित शाह को 30 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त माना था. इसके बाद पीएम पद के लिए उनकी लोकप्रियता में करीब 4 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई थी. जनवरी 2023 में अमित शाह को सिर्फ 26 फीसद लोगों ने पीएम पद के लिए सबसे उपयुक्त माना था. छह माह बाद उनकी लोकप्रियता फिर से बढ़ी और वह 29 प्रतिशत तक पहुंच गई. अमित शाह को पीएम पद के लिए सर्वाधिक 38 प्रतिशत लोगों ने वोट किया है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं दूसरे नंबर पर ..
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मोदी के बाद पीएम पद की रेस में अमित शाह के बाद दूसरे नंबर पर चल रहे हैं. पीएम पद की लोकप्रियता के मामले में उनका ग्राफ अगस्त 2021 के बाद से लगातार बढ़ रहा है. अगस्त में 21 में जहां 19 प्रतिशत लोगों की पसंद योगी थे. वहीं अगस्त 2023 में 7 परसेंट उनकी लोकप्रियता बढ़कर 26 फीसद तक पहुंच चुकी है. इस लिहाज से देखा जाए तो योगी आदित्यनाथ मात्र 3 प्रतिशत से अमित शाह से पीछे चल रहे हैं.
नितिन गडकरी भी पीएम पद के लिए हैं उपयुक्त चेहरा..
नितिन गडकरी भी पीएम पद के चेहरे की रेस में हैं. हालांकि अमित शाह की अपेक्षा उनकी लोकप्रियता का प्रतिशत लगभग आधा है. जनवरी 2021 से लगातार बढ़ने के बावजूद अगस्त 2023 में नितिन गडकरी की लोकप्रियता 15 फीसद तक पहुंच पाई है. यह आंकड़ा अमित शाह 29 प्रतिशत की तुलना लगभग आधा है. वहीं योगी आदित्यनाथ की अपेक्षा 11 परसेंट कम है.